Monday, May 16, 2011

कफस

जब भी मैं देखता हूँ
इस ओर से उस ओर तक
क़ैद हूँ कल्पना के दायरे में
इस कफस से उस कफस तक
सच्चाइयाँ अपने वजूद की
इस अनुभूतित कल्पना से स्वप्न तक
जब भी मैं देखता हूँ
इस कफस से उस कफस तक

गिरकर, उठकर, संभलकर चलना
इस अंधकार से उस उजाले तक
थककर लौट जाना आशियाने में
इस उजाले से अंधकार तक
अंधेरे-उजाले की कशमकश में
इस आलसमय इंतेज़ार से उस आशा तक
जब भी मैं देखता हूँ
इस कफस से उस कफस तक

आशा का इंतेज़ार भी एक आशा हैं
कफस से निकालने का संघर्ष भी कफस हैं
हर कशमकश के अंत में
एक और कशमकश हैं
सोच, क़ैद हूँ कल्पना के दायरे में
इस ओर से उस ओर तक
इस कफस से उस कफस तक
अनुभूतित कल्पना से स्वप्न तक

[कफस= cage]