लकड़ी बिना दबाव और थोड़े ही तापमान
पर राख बन जाती है
कुछ देर भारी दवाब और तापमान
पर ग्रॅफाइट बन जाती है
और थोड़ी देर और दबाव और तापमान
पर हीरा बन जाती है
अगर ये परिमंडल न हो
तो लकड़ी, लकड़ी रह जाती है
पानी-बरसात में
गल जाती है
पर तनाव भी घताक इसमें
लकड़ी बिखर जाती है
कीटो द्वारा
चट कर दी जाती है
अतः दबाव तनाव न बने
इसके लिए एक अनुशाशित आधार पद्धति
मिटटी की तरह पकडे जो लकड़ी को
आवश्यक हो जाती है
पर राख बन जाती है
कुछ देर भारी दवाब और तापमान
पर ग्रॅफाइट बन जाती है
और थोड़ी देर और दबाव और तापमान
पर हीरा बन जाती है
अगर ये परिमंडल न हो
तो लकड़ी, लकड़ी रह जाती है
पानी-बरसात में
गल जाती है
पर तनाव भी घताक इसमें
लकड़ी बिखर जाती है
कीटो द्वारा
चट कर दी जाती है
अतः दबाव तनाव न बने
इसके लिए एक अनुशाशित आधार पद्धति
मिटटी की तरह पकडे जो लकड़ी को
आवश्यक हो जाती है