Aawazon main aawaaz ban gayaa hun main
Kya chaha tha kya ho gaya hun main
Misaal dete , woh ishq tha
Kisi Gumnaam gazal ka sher ho gaya hun main
Kagaaz paar girtaa toh akshar banta
Daag kyu baan gaya hun main
Shayad koi tasveer hain jo adhuri hain
Usme katra baan gaya hun main
Tasveer banai toh chitera
Gazal likhi toh shayar ho gaya hun main
Khiladi, siyasi, mosiqi
Kitne naamon main baat gaya hun main
Kuch kho gaya sa
Kuch bach gaya hun main
Shahher ke purane khandar si
Ek yaad ho gaya hun main
Saturday, March 15, 2008
Saturday, March 01, 2008
सही-ग़लत मे फासले इतने भी न थे
हम थे तन्हा पर इतने भी न थे
इशारा करके छुपाना तुम्हारी पुरानी आदत हैं
पहचान गए इतने बुद्दू हम भी न थे
मैं डरता हूँ बात बात पर इकरार से
आख़िर पत्थर दिल हम भी न थे
वक्त पत्थर को मिट्टी बना देता हैं
हम तो 'कायल' थे, पत्थर न थे
' इश्क मैं इतने घायल 'कायल' हुए
आंसू दिल पर गिरता तेज़ाब हुए'
प्यार का हुनर आता नही कीताबों से
फीर इस हुनर को सीखे कैसे
मोहब्बत होती हैं सिर्फ़ दिलजले आशीक के पास
इन रोशनियों मैं उसे ढूँढे कैसे
तुम कहती हो दिन-रात मैं रिश्ता हो नही सकता
अब तुम ही बताओ सेहर को भूले कैसे
तुम कहती हो सोचने के लिए वक्त चाहिये
तो मुस्कुँरा दीये हम
अब तुम ही बताओ मोहब्बत मैं समझौता करे कैसे !
"इतना इजहार भी अच्छा नही प्यार का की हर वादा झूठा लगने लगे ..."
फीर इस हुनर को सीखे कैसे
मोहब्बत होती हैं सिर्फ़ दिलजले आशीक के पास
इन रोशनियों मैं उसे ढूँढे कैसे
तुम कहती हो दिन-रात मैं रिश्ता हो नही सकता
अब तुम ही बताओ सेहर को भूले कैसे
तुम कहती हो सोचने के लिए वक्त चाहिये
तो मुस्कुँरा दीये हम
अब तुम ही बताओ मोहब्बत मैं समझौता करे कैसे !
"इतना इजहार भी अच्छा नही प्यार का की हर वादा झूठा लगने लगे ..."
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