Saturday, May 05, 2012

अच्छी नही

तू तो हवा हैं बहता रहता
हसीन नज़रों से दिल्लगी अच्छी नही

इंसान की ख्वाबों से वफ़ा अच्छी नही
काँच की पत्थरों से वफ़ा अच्छी नही

बातें अच्छी है प्यार की इकरार की
पर इन बातों से वफाई अच्छी नही 

चाँद की पहचान हैं  उसके दाग 'कायल'
प्यार में दागों से बेरुख़ाई अच्छी नही

बढ़ जाए जो दर्द बहुत
सड़को पे निकालो दुनिया देखो

यूँ कमरे मे बैठे दुनियादारी की बाते
अच्छी हैं, सच्ची नही, सच्ची नही

गाली दो, गाली देना अच्छा हैं
पर हर बात पे गली अच्छी नही

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