पहले तुम जलाते हो
रोशनी करने के लिए
अपने ज़हन मे सच
की तलाश मे कही
हम जलते रहते है
आग मे अपनी
ढूँढते हो सुकून
मेरी आह मे कही
जब खाक हो चुके
तो जूस्तजू भी है
क्या जला क्या नही
क्या रहा क्या नही
अगर उपर उठ जाए
इस तमाशे से
तो उन्हे तकलीफ़ है
की दिल मेरा क्यूँ अब
पहले की तरह बहलाते नही
क्यू हर आ पर मेरी
दौड़े चले आते नही
सहम जाते नही
पहले की तरह क्यू
अब प्यार जताते नही
क्यू तुम मुझे अब सताते नही
मेरी बाहों मे क्यू अब समाते नही
फिर भी उनकी यह अदा
की हम सिर्फ़ दोस्त है
बात उनकी मुझे कभी
यह समझ आती नही
आती है हमे भी आदाएँ कई
पर यूँ सॉफ झूठ बोल कर
मासूम हो जाना, अदा ये
हमे आती नही, सताती नही
बात उनकी मुझे कभी
यह समझ आती नही
रोशनी करने के लिए
अपने ज़हन मे सच
की तलाश मे कही
हम जलते रहते है
आग मे अपनी
ढूँढते हो सुकून
मेरी आह मे कही
जब खाक हो चुके
तो जूस्तजू भी है
क्या जला क्या नही
क्या रहा क्या नही
अगर उपर उठ जाए
इस तमाशे से
तो उन्हे तकलीफ़ है
की दिल मेरा क्यूँ अब
पहले की तरह बहलाते नही
क्यू हर आ पर मेरी
दौड़े चले आते नही
सहम जाते नही
पहले की तरह क्यू
अब प्यार जताते नही
क्यू तुम मुझे अब सताते नही
मेरी बाहों मे क्यू अब समाते नही
फिर भी उनकी यह अदा
की हम सिर्फ़ दोस्त है
बात उनकी मुझे कभी
यह समझ आती नही
आती है हमे भी आदाएँ कई
पर यूँ सॉफ झूठ बोल कर
मासूम हो जाना, अदा ये
हमे आती नही, सताती नही
बात उनकी मुझे कभी
यह समझ आती नही
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