Sunday, June 17, 2012

अंधेरे की चादर

अंधेरे की चादर खा गयी शॅक्स सारे
हो गये है अधजगे एहसास सारे
खुद ही बाज़ी चल कर
खुद ही से हार जाते है
खो गये है कहाँ?
रात मे होश-ओ-हवास  सारे
मैं उसके लिए जान भी दे देता
दे देता मैं उसके लिए अपनी जान भी
पर इससे भी ज़्यादा मेंहगें
है उसके एहसास सारे
पूछते है लोग रात
मे चाँदनी का सबब
तो खुदा का कभी चाँद
का बहाना कर देते है
कैसे कहे इस अकेले अंधेरे मे
जल रहे है, अरमान सारे, एहसास सारे
अंधेरे की चादर खा गयी शॅक्स सारे
हो गये है अधजगे एहसास सारे

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