Wednesday, March 28, 2012

To Vikram and Ritu

आँखों का मिलना
दिलो का धड़कना
मौसम का दस्तूर
तकदीर या फलसफा
यूँ दो दिलो का
नदियों सा मिलना
करता हूँ दुआ
पास मेरे क्या
सूरज सा चमकना
चिड़िया सा चहकना
बदल सा बरसना
चाँद की रोशनी
से भी प्यारा
एक एहसास बनाना

Friday, March 16, 2012

"Be lamps unto yourself as all of you must work out your own liberation"
                                                                       Mahatma Buddha...

Sunday, March 11, 2012

मैने ज़िंदगी मे बहुत कुछ पाया नही
क्यूंकी झुक कर कभी कुछ उठाया नही....
# शायद मैने लिखा है या कहीं पढ़ा है? याद नही, पुरानी बात है. अच्छा लगा इसलिए पोस्ट कर रहा हूँ. 

Thursday, March 08, 2012

हर होली पर उमड़ आते 
फिर वही सवाल हर साल
खेल-खेल मैं हाथ क्यू इतने गंदे हो गए?
चेहरे के रंग उतरे और हाथों के रह गए?
कुछ चेहरो पर चड़े रंग और अपने हो गए?
कुछ चेहेरों के उतरे रंग अलसी हो गए?
कैसे भूले अपने रंग सब सतरंगे हो गए? 
देखता- सोचता  रहा अपनी कमरे की खिड़की से 
कैसे हम इस होली बेरंग रह गए?

'यह इश्क वो रंग कायल,
जो रंगे वो भी रंग गए 
जो बच गए वो भी रंग गए 
हम पर चढ़े इतने रंग 
की रंग सफ़ेद हो गए '