Saturday, April 21, 2012



गुनाह भी तू ही
गुनहगार भी तू  ही
सिपहसालार भी तू ही
गिरफ्तार भी तू ही

क़ातिल भी तू ही
क़ाज़ी भी तू ही
जल्लाद भी तू ही
हलाल भी तू ही

आग भी तू ही
जला भी तू ही
धुआ भी तू ही
राख भी तू ही

पानी भी तू ही
गला भी तू ही
बहा भी तू ही
रहा भी तू ही

उसे मत देना दोष
वो तो है निर्गुण
क़ातिल-क़ाज़ी आग-पानी
ये है मेरे गुण


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