Wednesday, January 11, 2012

ज़िंदगी से ज़िंदगी के सफ़र मे 'कायल'
अरमानो मे हुए दफ़्न, दम निकला
फिर भी हँसी थी लबों पर
की मेरा जनाज़ा जो निकला, खूब निकला

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