वो आए मैने आने दिया
वो गये मैने जाने दिया
उसको लगी जो ठण्ड
आप को जला दिया
उसको लगी जो गर्मी
आप को जमा दिया
उन्हें जो लगी प्यास
पीने को लहू दिया
उन्हें जो लगी भूख
खुद को परोस दिया
उन्हें जो न आई नींद
ज़िन्दगी को कहानी किया
अब मेरे पास
न ठण्ड है न गर्मी है
न लहू है न जिस्म है
न नींद है न राज़ है
न अस्तित्व है न मान है
न ही मेरे पास हो तुम
जिससे मैंने सर्वस्व दिया
कभी आया सावन यूँ भी
नदी ने पार किनारा किया
सावन का कसूर या नदी का
या उसका जिसने किनारा दिया
अब सोचते हूँ तो यूँ लगता हैं
यह सौदा बड़ा महंगा किया!
वो गये मैने जाने दिया
उसको लगी जो ठण्ड
आप को जला दिया
उसको लगी जो गर्मी
आप को जमा दिया
उन्हें जो लगी प्यास
पीने को लहू दिया
उन्हें जो लगी भूख
खुद को परोस दिया
उन्हें जो न आई नींद
ज़िन्दगी को कहानी किया
अब मेरे पास
न ठण्ड है न गर्मी है
न लहू है न जिस्म है
न नींद है न राज़ है
न अस्तित्व है न मान है
न ही मेरे पास हो तुम
जिससे मैंने सर्वस्व दिया
कभी आया सावन यूँ भी
नदी ने पार किनारा किया
सावन का कसूर या नदी का
या उसका जिसने किनारा दिया
अब सोचते हूँ तो यूँ लगता हैं
यह सौदा बड़ा महंगा किया!
awesome. except for the last line.. pyaar mein sauda nahi :)
ReplyDeletewonderful!!Divesh..aaj ke zamaane main its rare to come across unreserved love.
ReplyDeletethanks...
ReplyDeleteDivesh, the last line actually describes the feeling of being cheated. it wasn't meant to be taken literally. woh kaha bhi gaya hai na ..
pyar main buri nazar se kuch bhi kiya nahi jata
kaha jata hai bewafa samjha nahi jata...
Geetanjali, true... ek sher likha tha is par kuch dino pahele. arz hai,
hum mil bhi sakte the par kya kare 'kayal'
kuch tum nahi badle kuch hum bhi ziddi the ...