Friday, April 13, 2012

तुम अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से
मुझे बहला नही सकते, नही सकते
बहला सकते हो, बहला सकते हो 
किसी सोलह साल की लड़की को
"मैं तुमसे प्यार करता हूँ" कहकर
पुराना चावल हूँ, गला नही सकते
तुम अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से
मुझे बहला नही सकते, नही सकते

हंसकर- इठलाकर पास आकर दूर जाकर
आँखें मिलकर चुराकर भुलाकर जलाकर
बहला लो बहला लो, अपना मन 
मुझको अब तुम फुसला नही सकते
 लूट लो लूट लो लूट लो तन-ज़ेहन
मन पर हक, लेकिन अब जता  नहीं सकते  

तुम अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से
मुझे बहला नही सकते, नही सकते

मुझे जीतना चाहते हो तो लाओ
अरमान पूरे करना हैं तो लाओ
तो लाओ वो ज़ुरियो से झाँकति
माँ की मुस्कान
तो लाओ वो बहस-लड़ाई मे गूँजता
बहना का लाड़
तो लाओ वो डाँट  से रिस्ता
पिता का दुलार
तो लाओ वो लाठी टेककर चलती
नानी के नुस्खे
क्या ला सकती हो इनमे से
एक भी हुनर?
क्या ला सकती हो इनमे से
एक भी हुनर?

जाओ तुम्हारे बस की नही
रहने दो, रहने दो, रहने दो
'कायल' गिरे है कुछ दाम कुछ बाज़ार
पर इतने सस्ते में हम आ नहीं सकते
लूट लो लूट लो लूट लो चाहे
की हम देने के लिए मशहूर है
मन पर हक, लेकिन अब जता  नहीं सकते
मन पर हक, लेकिन अब जता  नहीं सकते   

तुम अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से
मुझे बहला नही सकते, नही सकते

2 comments: